तेजस फाइटर जेट को मिला GE-F404 इंजन: स्वदेशी रक्षा शक्ति को विदेशी तकनीक से मजबूती

भारत ने अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से दूसरा GE-F404 इंजन प्राप्त कर लिया है, जो स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk 1A कार्यक्रम को मजबूती देगा। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को कुल 99 इंजन की आपूर्ति के लिए अगस्त 2021 में ₹5,375 करोड़ का समझौता हुआ था।

भारत की रक्षा और स्वदेशीकरण नीति को एक बड़ा बढ़ावा मिला है। 15 जुलाई 2025 को अमेरिका से हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को दूसरा GE-F404-IN20 जेट इंजन मिला, जो चौथी पीढ़ी के स्वदेशी मल्टी-रोल लड़ाकू विमान तेजस Mk 1A में लगाया जाएगा। इस इंजन के आगमन से भारतीय वायुसेना के तेजस Mk 1A स्क्वाड्रन के निर्माण एवं तैनाती की प्रक्रिया तेज हो गई है, जिससे देश की वायु ताकत को ताकतवर, आधुनिक और आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी

पृष्ठभूमि और अनुबंध

अगस्त 2021 में HAL ने अमेरिकी कंपनी GE Aerospace (जनरल इलेक्ट्रिक) के साथ ₹5,375 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 99 GE-F404-IN20 इंजन की आपूर्ति तेजस Mk 1A कार्यक्रम के तहत तय हुई। इसके अनुसार अभी तक दो इंजन HAL को मिल चुके हैं; पहला इंजन अप्रैल 2025 में प्राप्त हुआ और दूसरा जुलाई 2025 में मिला। डील की शेष आपूर्तियां मार्च 2026 तक पूरी होने की संभावना है, जिससे अगले वर्ष के अंत तक 12 तेजस Mk 1A विमान भारतीय वायुसेना को सौंपे जा सकते हैं। तेजस का स्वदेशी निर्माण भारत को तकनीकी स्वतंत्रता और सामरिक मजबूती देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
GE-F404 इंजन की विशेषताएँ

GE-F404-IN20 इंजन विश्व-प्रसिद्ध है, जिसमें 84 नॉट अतिरिक्त थ्रस्ट की क्षमता है। इससे फाइटर जेट्स ज्यादा तेज, फुर्तीले और भारी हथियार ले जाने में सक्षम बनते हैं। तेजस Mk 1A में इसके अलावा AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट, BVR मिसाइल योग्यता और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग सिस्टम जैसी अत्याधुनिक क्षमताएं हैं

स्वदेशीकरण को बढ़ावा

2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (Technology Transfer – ToT) समझौते पर भी हस्ताक्षर हुए। इससे भविष्य में GE इंजन का निर्माण भारत में ही संभव होगा, जिससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन और तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी
सामरिक और औद्योगिक लाभ

इंजन डिलीवरी के बाद HAL ने तेजस के असेंबली लाइनों का विस्तार किया है। तेजस अब नासिक समेत विभिन्न संयंत्रों में अधिक-ाधिक मात्रा में बनने लगेंगे, जिससे भारत घरेलू आवश्यकताओं के साथ-साथ भविष्य में निर्यात की ओर भी कदम बढ़ा सकेगा
GE-F404 इंजन/तेजस कार्यक्रम से जुड़े  महत्वपूर्ण तथ्य

  • स्थापना/कम्पनी:

    • जनरल इलेक्ट्रिक (GE Aerospace); स्थापना 1917; मुख्यालय बोस्टन, अमेरिका।

  • भारतीय भागीदारी:

    • हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL); मुख्यालय – बेंगलुरु, भारत; अध्यक्ष – सी. बी. अनंतकृष्णन (2025)[own knowledge]।

  • प्रमुख अनुबंध:

    • अगस्त 2021 में GE Aerospace और HAL के बीच 99 इंजन की आपूर्ति हेतु ₹5,375 करोड़ का करार

  • महत्वपूर्ण सदस्य:

    • भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय, DRDO, IAF, HAL, GE Aerospace।

  • तकनीकी साझेदारी:

    • 2023 में GE और भारत सरकार के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) समझौता।

  • लाभ:

    • तेजस Mk 1A का उत्पादन तेज, भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, भविष्य में इंजन निर्माण भारत में संभव

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