भारत के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने बेंगलुरु में आयोजित ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025’ में स्वर्ण पदक जीतकर एक बार फिर देश का गौरव बढ़ाया है। यह आयोजन भारत में एथलेटिक्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें देश-विदेश के शीर्ष जैवलिन थ्रोअर शामिल हुए। नीरज की विजयी थ्रो ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।
भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर देश का नाम रोशन करते हुए ‘नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025’ में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। यह प्रतिष्ठित प्रतियोगिता कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य भारत में ट्रैक और फील्ड खेलों, विशेषकर भाला फेंक (Javelin Throw) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना था।
यह आयोजन न केवल एक प्रतिस्पर्धात्मक मंच था, बल्कि युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देने और भारत में एथलेटिक्स संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम भी था। प्रतियोगिता में भारत, जर्मनी, चेक गणराज्य, फिनलैंड जैसे कई देशों के दिग्गज जैवलिन थ्रोअर शामिल हुए।
नीरज चोपड़ा ने इस प्रतियोगिता में अपनी शानदार थ्रो से सभी को प्रभावित किया, जिसमें उन्होंने 89.35 मीटर की दूरी तक भाला फेंका — जो उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ थ्रो में से एक मानी जा रही है। उनके आत्मविश्वास, तकनीक और फिटनेस ने उन्हें प्रतियोगिता का निर्विवाद विजेता बना दिया।
नीरज ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं भारत के एथलीट्स को घरेलू मैदान पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का अनुभव देने में सहायक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यह आयोजन भविष्य में भारत के लिए कई नए सितारे तैयार करेगा।
इस आयोजन का नाम नीरज चोपड़ा क्लासिक रखना भी एक प्रतीकात्मक निर्णय था, जिससे देश के सबसे सफल एथलीट को सम्मान देते हुए युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया जा सके।
महत्वपूर्ण तथ्य :
आयोजन का नाम: नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025
आयोजन स्थल: श्री कांतीरवा स्टेडियम, बेंगलुरु, कर्नाटक
मुख्य आयोजक संस्था: भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (Athletics Federation of India – AFI)
स्थापना वर्ष (प्रतियोगिता की शुरुआत): 2023 (पहला संस्करण), 2025 में तीसरा संस्करण
मुख्यालय (AFI): नई दिल्ली, भारत
वर्तमान अध्यक्ष (AFI): आदिले सुमारीवाला
विजेता एथलीट: नीरज चोपड़ा – थ्रो: 89.35 मीटर
प्रतिभागी देश: भारत, जर्मनी, चेक गणराज्य, फिनलैंड आदि
उद्देश्य: भारत में एथलेटिक्स, विशेषकर भाला फेंक को वैश्विक पहचान देना